अंधविश्वास तथ्य एवं वैज्ञानिक सत्य

अंधविश्वास तथ्य एवं वैज्ञानिक सत्य

जिक परिवेश में प्रचलित अंधविश्वास की परंपराएं उसके व्यवहार एवं अन्य क्रियाकलापों को प्रभावित करते हैं । इससे यह स्पष्ट होता है कि अंधविश्वासी व्यवहार के पीछे अंधश्रद्धा , अज्ञान , विवेकशीलता की कमी, भ्रम ,वहम, भय अबौद्धिक परंपराएं, वैज्ञानिक चेतना का अभाव आदि मनो सामाजिक कारक मौजूद रहते हैं। यह भी मनोवैज्ञानिक तथ्य है…

मन

मन

मन बहुत शक्तिशाली हैव्यापक हैउसका साम्राज्यउसकोचुनौती देने वालाकोई नहीं हैअतः भलाई हैप्रकृति के नियम केसाथ चलने में हीसार नहींविपरीत दिशा में कोईमन में कालुष्य न आयेकर्म काट करइतना हिम बनकरचले कि खुद केसंगति वह जो नीति सिखायेवैराट्य प्रकट होवाणी में वैर-भावन उगने पायेराग- द्वेष से दूरहो जायें औरध्रुवतारा -सी चमकलिए सारे जगत मेंचमक सही सेआत्मा…

हिंदी और ग़ज़ल

हिंदी और ग़ज़ल: एक आत्मीय संबंध की संभावनाएँ

हिंदी भाषा भारत की आत्मा है, जिसकी विविधता, गहराई और सांस्कृतिक समृद्धि अद्वितीय है। यह भाषा न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि एक जीवंत परंपरा, साहित्य और भावनाओं की अभिव्यक्ति का स्रोत भी है। मुझे हिंदी से अत्यंत प्रेम है, क्योंकि यह मेरी मातृभाषा है – मेरे सोचने, महसूस करने और व्यक्त करने की…

साहित्यिक शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होते हैं

साहित्यिक शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होते हैं

शिक्षक कभी भी साधारण नहीं होता I प्रलय और निर्माण उसकी गोद में खेलते हैं, आचार्य चाणक्य के ये शब्द आज भी उतने ही प्रासंगिक हैंI तक्षिला के आचार्य चाणक्य ने किस तरह पूरे भारत के इतिहास को बदला था, ये सभी जानते हैंl श्रेष्ठ साहित्य किसी ज्ञानवान की ही कृति होती आई हैंl भारत…

राम दरबार

राम जी के दरबार मे

आज तौबा गर्दी थी.. इतनी की पैर धरने तक कि जगह नही.. तिल तिल लोग खिसक रहे थे.. पसीने से सरोबार हो रहे थे.. हर मनुष्य दूसरे मनुष्य से लगभग रगड़ कर ही चल रहा था.. और यह गर्दी होनी भी थी.. प्रभु श्री रामचंद्र के जन्मोत्सव की घड़ी थी.. रामजी की भक्ति में दुनिया…

कवि सम्मेलन

भावांजलि कला एवं साहित्य मंच और अखिल भारतीय सांस्कृतिक चेतना मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

आज रविवार दिनांक 6 अप्रैल, 2025 को प्रातः फारूका खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अंबाला छावनी के प्रांगण में भावांजलि कला एवं साहित्य मंच, अंबाला और अखिल भारतीय सांस्कृतिक चेतना मंच, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में शानदार कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें दिल्ली, मधुबनी, देवरिया, चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र और इस्माईलाबाद से पधारे कवि-कवयित्रियों के साथ अंबाला…

प्रेम : एक नाम, एक एहसास

प्रेम : एक नाम, एक एहसास

कुछ नाम होते हैं, जो सिर्फ पहचान नहीं होते, वो एक संपूर्ण भावना होते हैं। प्रेम—ये मेरा नाम है, पर इससे भी ज़्यादा, ये मेरी आत्मा का सबसे कोमल हिस्सा है। इस नाम में सिर्फ मैं नहीं हूँ, इसमें वो हर स्पर्श, हर इंतज़ार, हर टूटन और हर जुड़ाव भी है… जिसे मैंने जिया है,…

Ram Ram

मर्यादा पुरुषोत्तम: कथा से कर्म तक

(राम नवमी पर एक साहित्यिक आलेख) साहित्य, धर्म और संस्कृति जब एकत्र होकर किसी एक स्वरूप को आकार देते हैं, तो वह स्वरूप केवल वंदनीय नहीं, जीवंत होता है—वह प्रेरक होता है, वह पथप्रदर्शक होता है। श्रीराम ऐसा ही एक स्वरूप हैं—जो केवल देवता नहीं, एक जीवन-दर्शन हैं, एक मानवता का आदर्श हैं, और भारतीय…

जय श्री राम ( दोहे )

जय श्री राम ( दोहे )

जय श्री राम ( दोहे ) जनमे जिस क्षण महल में, कौशल्या ने लाल।गूंजी घर -घर में तभी, ढोल मँजीरा ताल ।। पिता वचन की राम ने , रखी सहज ही लाज |ठुकराया संकोच बिन , अवधपुरी का राज ।। पीछे पीछे चल दिये ,जहाँ चले प्रभुराम।।सीता लक्ष्मण साथ में, छोड़ अवध का धाम ।…

Mahavir jayanti par Kavita

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस

2624 वां महावीर जन्म कल्याणक दिवस भगवान महावीर को मेरा भावों से शत – शत वन्दन !भगवान महावीर की राह को अपनायें ।मानव जीवन सफल बनायें ।अब भोर है उठ जाग जायें ।क्यों आँखें मूंदकर हम सोयें ।संत हमारी मूर्छित चेतना जगाते ।कीमती वक्त हमारा हम क्यों खोते।दुनिया की हैं यह झूठी माया ।जैसे बादल…