हिंदी पत्रकारिता दिवस: एक ऐतिहासिक यात्रा और वर्तमान चुनौतियाँ

हिंदी पत्रकारिता दिवस: एक ऐतिहासिक यात्रा और वर्तमान चुनौतियाँ

आज 30 मई, हिंदी पत्रकारिता दिवस है। यह दिन उस ऐतिहासिक क्षण का स्मरण कराता है जब 1826 में पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने ‘उदन्त मार्तण्ड’ नामक पहला हिंदी समाचार पत्र प्रकाशित किया था। यह मात्र एक समाचार पत्र का प्रकाशन नहीं था, बल्कि यह हिंदी भाषा के माध्यम से जन-जागरण, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय चेतना के सूत्रपात का प्रतीक था। ‘उदन्त…

ढाट इतिहास

ढाट इतिहास

ढाट इतिहास जिला थरपारकर सिंध दो भागों में विभाजित है एक धोरा ऊबड़ खाबड़ टीलों टीबों वाला मरू भूमि भाग जो थार ढाट के नाम से ओर दूसरा सख़त समतल हि़स़ा जिसको नारा नाम से प्रसिद्द है!संस्कृत में स्थल को थळ ढाट थर थार कहा गया,!ढाट में अमरकोट, छाछरो, मिठ्ठी, दीपलो, नगर पारकर ओर खिपरो…

कायर

कायर

फोन की घंटी बजी। राजीव ने फोन उठाया। फोन पर अनुराग था। “भैया आप कहाँ है? क्या आपसे इस समय मुलाकात हो सकती है?” यह पूछते वक्त अनुराग की आवाज में वह बात नहीं थी जो अक्सर बात करते समय राजीव महसूस करता था। ऐसा लग रहा था जैसे कि वह किसी दिक्कत में है।…

प्यार की खातिर

प्यार की खातिर

असलम की बेवफाई से निराश नुजहत का सारा समय अब मोबाइल पर यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम चलाने व नेट सर्फिंग में ही बीत रहा था। दिन तो किसी तरह कट जाता था, लेकिन रात काटनी उसे भारी गुजरती थी। फ़ेसबुक पर वीडियोज क्लिप्स देखते समय अचानक उसकी नज़र एक आकर्षक एडवर्टाइजमेंट पर पड़ी। जिसमें लिखा था:-…

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर की कविताएं | Nandlal Mani Tripathi Poetry

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर की कविताएं | Nandlal Mani Tripathi Poetry

शिकायतें बहुत है ऐ जिंदगी जिंदगी के अंदाज़ बहुतकभी रुलाती कभी हंसातीसुख दुःख ख़ुशी गम केमुकाम जिंदगी!! विरह वियोग में रुलातीश्रृंगार संयोग में मुस्कुरातीसंवेदना कि वेदना का पलप्रहर पथ विश्राम जिंदगी!! मित्र संबंध सब अपने अपनेस्वार्थ अर्थ अर्थात के पग पगपर संबंध शत्रु जैसे बहुत कठिनएक सच्चा सम्बन्ध जिंदगी !! प्रेम भी बिकता क्रेता विक्रेताबाजार…

शनिदेव की जयंती

न्याय के देवता शनिदेव की जयंती: कर्म, काल और कैवल्य का दार्शनिक दृष्टिकोण

भारतीय मनीषियों ने शनिदेव को केवल एक खगोलीय ग्रह या पौराणिक देवता के रूप में नहीं, बल्कि एक विराट दार्शनिक अवधारणा के प्रतीक रूप में देखा है। ज्येष्ठ अमावस्या को मनाई जाने वाली उनकी जयंती मात्र धार्मिक पूजन का अवसर नहीं, अपितु कर्म, काल और कैवल्य जैसे गहन तत्वों पर आत्ममंथन का पावन क्षण है।…

Facebook par Kavita

फेसबुक या फूहड़बुक?: डिजिटल अश्लीलता का बढ़ता आतंक और समाज की गिरती संवेदनशीलता

जब सोशल मीडिया हमारे जीवन में आया, तो उम्मीद थी कि यह विचारों को जोड़ने, संवाद को मज़बूत करने और जन-जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। लेकिन आज, 2025 में, विशेषकर फेसबुक जैसे मंच पर जिस तरह से अश्लीलता और फूहड़ता का आतंक फैलता जा रहा है, वह न केवल चिंताजनक है, बल्कि सभ्यता…

अपेक्षा क्यों

अपेक्षा क्यों

अपेक्षा क्यों चाह जब जुड़ जाएंपरिणाम सेअपेक्षा का…होता है आगमनमन की शांति काफिर होता है गमन दूसरे भी हमेंवही सम्मान देंजो हम…उन्हें दे रहेंदूसरे भी हमेंवही प्यार देंजो हम…उन्हें दे रहें यह जरूरी तो नहींकि हो…विचारधाराएं समानअपनी प्राथमिकताका तो…है हमें भानपर दूसरों कीप्राथमिकताओं काभी हो हमें ज्ञान जरा संभल करव्यवहार करना होगाइस रंग बदलते जमाने…

हँसी

हँसी

बहुत दिनों बाद सब एक साथ इकट्ठा हुए थे। घर का आँगन रौनक से भर गया था। बच्चे दौड़ते फिर रहे थे, औरतें रसोई में व्यस्त थीं, और मर्द हुक्का-चाय का आनंद ले रहे थे। मिलजुल कर खाना खाने के बाद सभी बरामदे में बैठ गए — बातें चलने लगीं, हँसी-ठिठोली का दौर शुरू हो…

वट सावित्री पूजन

लोक आस्था का पर्व : वट सावित्री पूजन

भारतीय संस्कृति में पर्व और त्योहार केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं होते, वे जीवन-दर्शन, सामाजिक अनुशासन और सांस्कृतिक उत्तराधिकार के संवाहक भी होते हैं। इन्हीं में से एक है वट सावित्री व्रत, जो विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की दीर्घायु और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। यह पर्व जहां सावित्री…