पंचमम् स्कंदमातेति | माहिया
पंचमम् स्कंदमातेति
माँ आदि भवानी हैं
नौ-नौ रूपों में
अंबे वरदानी हैं
संतति का वर देतीं
स्कंदमाता रानी
हर दुख को हर लेतीं
माता का जगराता
कर लो श्रद्धा से
झोली को भर जाता
माँ बालक हम तेरे
डाले हैं डेरा
दरबारों के चेरे
बेंदी की शोभा है
रुचिर आलता ने
भक्तों को लोभा है
रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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