Par tu Badal Gaya

पर तू बदल गया | Par tu Badal Gaya

पर तू बदल गया

( Par tu Badal Gaya )

मौसम विसाले यार का फिर से निकल गया
मैं तो वहीं खड़ी रही पर तू बदल गया

मिसरे मेरे वही रहे मौज़ूं फिसल गया
मेरी ग़ज़ल पे तेरा ही जादू जो चल गया

ममनून हूँ सनम मैं करूँ शायरी नई
नज़रों पे मेरी तीर मुहब्बत का चल गया

थामूँ क़लम कि आज मैं झूमूँ बहार में
इस क़ल्ब में समा के तू कैसे मचल गया

शाम-ए-अवध का हुस्न है रजनी क़माल का
ये नूर हर बशर के ख़यालों में ढल गया

रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’

लखनऊ, उत्तर प्रदेश

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *