मकर संक्रान्ति
मकर संक्रान्ति
मकर संक्रान्ति पर्व पर
हमारे जीवन में नव
चिन्तन का सृजन हों
और आशा हमारे जीवन के
हर पल को उत्साह से भरती जायें ।
क्योंकि सकारात्मक जीवन
व चिंतन का अपना एक
अलग ही आनंद और उत्साह है,
इससे दुःख की धारा का प्रवाह
स्वतः ही पड़ जाता मंद है ।
मरना सिर्फ एक ही दिन पर
जीने के दिन तो अनेक है,
सत्य को जानना तो जरूर है
पर सदा हमें इसको
जिंदा रखना है क्योंकि
यह अपने अंतर मन का विवेक है ।
नकारात्मक भावों को
सही से हम सदा छोड़कर
सकारात्मक भावों में
जीने की आदत डालें,
और जीवन के हर पल का
पूरा -पूरा सार निकालें ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
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