
वो स्कूल का पहला दिन
( Wo school ka pehla din )
याद हमको आता है आज भी वो दिन,
स्कूल का हमारा वह ऐसा पहला दिन।
खुशी थी इतनी कि सोऍं नही रात-भर,
उठ गऐ जल्द मम्मी पापा भी उसदिन।।
पाॅंच वर्ष की उम्र थी उस समय हमारी,
प्यारी और न्यारी ये दुनिया थी हमारी।
साथ गए विद्यालय मम्मी-पापा हमारी,
दिलाऍं पाटी-बरता बैंग पुस्तक प्यारी।।
सुबह-सुबह की किरणें ये प्यारी प्यारी,
टन-टन घंटी बजी विद्यालय में हमारी।
दौड़ दौड़ कर बच्चें प्रार्थना स्थल आऍं,
सामुहिक प्रार्थना होईं बच्चों की सारी।।
अनुशासन महत्व को गुरु ने समझाया,
कक्षा में बिठाकर व्यंजन ज्ञान कराया।
स्वर और गिनती हमें बोलकर सुनाया,
अनेंको अनुभवों का हमें ज्ञान कराया।।
सब प्यारे-प्यारे बच्चें थे हमारी उम्र के,
सोनू-मोनू टीना-मीना हमारी गली के।
आज भी याद आता है वो पहला दिन,
प्यारा ग्राउंड और अध्यापक स्कूल के।।
रचनाकार :गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )
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