Raju Srivastav par kavita
Raju Srivastav par kavita

गजोधर/राजू श्रीवास्तव भैया

( Gajodhar/Raju Srivastav bhaiya )

 

केवल राजू नही तुम राजा भाई थें हम सबके,
हॅंसाने वाले ही नहीं ग़म दूर करतें थें सब-के।
कैसे भुलाऍं हम सभी आपको गजोधर भैय्या,
आज दिल में ग़म है ऑंखो में नमी है सबके।।

सबको हॅंसाने वाले आज रुलाकर गऍं है हमे,
मशहूर काॅमेडियन अभिनेता भाईसाहब हमें।
सत्य प्रकाश श्रीवास्तव पूरा नाम था आपका,
उत्तरप्रदेश के कानपुर शहर में आप है जन्में।।

हमेशा याद आओगे आप और आपकी कला,
अपनें ही दम पे बनाई ऐसी पहचान है भला।
लाॅफ्टर शो जीतने के बाद किंग काॅमेडी बना,
फिल्म तेज़ाब से आपको यह पहचान मिला।।

बाज़ीगर मिस्टर आज़ाद एवं मैंने प्यार किया,
आमदनी अठन्नी खर्चा रुपइया में वक्त दिया‌।
अभय वाह! तेरा क्या कहना और बिग ब्रदर,
बाॅम्बे टू गोवा भावनाओं को समझो ऐ भैया।।

बचपन से ही ठान लिए वो काॅमेडी करने की,
गाॅंव छोड़कर मुम्बई आए रिक्शा चलाऍं भी।
किस्मत पलटी टीवी शो में राजू के आने की,
अंडरवर्ल्ड भी धमकी दी जिसको मारने की।।

जो हॅंसमुख अभिनय आप किऍं याद आऍंगे,
सोचा नही था हास्यसम्राट ऐसे छोड़ जाऍंगे।
आज कोटि कोटि नमन आपको प्यारे भैय्या,
व्यंग्य के जादूगर आप सदा-ही याद आऍंगे।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

 

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