पिता एक अनमोल रतन | Pita ek anmol ratan kavita
पिता एक अनमोल रतन
( Pita ek anmol ratan )
विश्व शिल्पी पिता परिवार की जान है
एक सहारा है जो देता सबको जीवन दान है
हमारा रझक हमारी तीरों का कमान है
वह पालन कर्त्ता सर्व समाज का मान है
पिता एक अनमोल …
जीवन अर्पण समर्पण परिवार में
धन-धान्य का व्यवस्थापक है संसार में
मान सम्मान मर्यादा रखे बिहार में
प्रगति के प्रतिक है जग जहान में
पिता एक अनमोल …
बढ़ते बढ़ते चलो सही धयान से
पढ़ते पढ़ाते चलो सभी को धयान से
स्वस्थ शाफ़ई में जीवन बीते स्नान से
हे परम पूज्य तेरा पवित्र उच्च स्थान है
पिता एक अनमोल …
हे वीर महान हम तेरी फुलवारी है
उंगली पकड़ चलना सिखाया महिमा नयारी है
बाल बिंद्रा प्रिय जीवन संगनी पत्नी प्यारी है
जगत में आर . बी . पितृ जनो का बखान है
पिता एक अनमोल …
कवि: राम बरन सिंह ‘रवि’ (प्रधानाचार्य)
राजकीय इंटर कालेज सुरवां माण्डा
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )
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