नाग पंचमी | Poem Nag Panchami
नाग पंचमी
( Nag Panchami )
गाय दुग्ध मे
नहलाते नागों को
नाग लोक मे,
जले अग्नि मे
महाभारत काल
नाग यज्ञ में,
रक्षा नागों की
ब्राम्हण आस्तिक ने
रोंक यज्ञ की,
श्रावण शुक्ल
पंचमी का दिन था
यही विपुल,
भाई बहन
की है कथा इसमें
बड़ी पावन,
हम हर्षाते
नागपंचमी कह
इसे मनाते,
दूं पलछिन
शुभकामनाएं मैं
शुभ हो दिन।
आभा गुप्ता
इंदौर (म. प्र.)