रंगीन है मौसम | Rangeen hai Mausam
रंगीन है मौसम
( Rangeen hai Mausam )
रंगीन है
मौसम
रंगीला है
आलम
फूलों से
कलियों से
कुछ रंग
ले उधार
इंतजार में तेरे
मैं
बैँठी तन मन
संवार
धीरे से
हौले से
चोरी से
सबसे छुपते से
ज़रा सा
रंगवा लो
खुदको
थोड़ा सा
रंग जाओ
मुझको
विरह की
बदरंगियों को
इँद्रधनुषी कर जाओ
तुम
तुम्हारी तो
कब की
हो ली मैं
इस
होली पर
मेरे हो जाओ
तुम …….
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )