Poem yaad
Poem yaad

याद तेरी जब आती है

( Yaad teri jab aati hai )

 

मन  के  जुड़ते  तार  सभी, दूरियां मिट जाती है।
मधुर मधुर दुनिया लगती, याद तेरी जब आती है।

 

खुल जाता किस्मत ताला, सारी बातें उर भाती है।
स्वर संगीत सुहाता लगता, याद तेरी जब आती है।

 

मधुर बरसता सावन लगता, ठंडी बयार आती है।
जीवन  मधुर सा लगता, याद तेरी जब आती है‌।

 

सुंदर घर संसार में आकर, खुशहाली भर जाती है।
उमड़ उठे प्रेम का सागर, याद तेरी जब आती है।

 

सारा जग लगता भावन, कोयल राग सुनाती है।
सागर लहरें लगे सुहानी, याद तेरी जब आती है।

 

अपनापन पाता जग से, लगता धरा मुस्काती है ।
उजियारा होता मनमंदिर, याद तेरी जब आती है।

 

साज छेड़ते सरगम सुर में, झंकार बज जाती है।
मधुर लगे वाणी गीतों की, याद तेरी जब आती है।

 

पंछी कलरव प्यारा लगे,कल कल नदियां गाती है।
मन की आंखें खुल जाती, याद तेरी जब आती है।

 

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कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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