पुलिस | Police par Kavita
पुलिस
( Police )
हम हिन्दुस्तान के वीर सिपाही,
मिलकर रहते है सब भाई भाई।
चाहें कितनी हो यहाँ कठिनाई,
पर खुशियों में बाॅंटे हम मिठाई।।
कंधे पर रहती यह सदा बन्दूक,
कोत में रखें है ऐसे कई सन्दूक।
गोला बारूद, पिस्टल और गन,
इनसे बचें नहीं कोई भी दुश्मन।।
चाहें कितना कोई जोर लगालो,
अपने- आप को कही छिपालो।
हम से ना कोई भी बच पाएगा,
आखिरकार वो पकड़ा जाएगा।।
उबड़-खाबड़ चाहें हो यह रस्ते,
भाग दौड़कर हम उसे पकड़ते।
जिन्दा पकड़ा जाए तो ठीक है,
नही तो हथियारों से वह शूट है।।
एक होती है ये स्थानीय पुलिस,
दूसरी होती यह केंद्रीय पुलिस।
नियम कानून दोनों मे समान है,
लेकिन पीटी परेड़ इनमें रोज़ है।।
ये स्टेट पुलिस स्टेट में ही रहती,
अपराध नियंत्रण यही है करती।
केन्द्रीय पुलिस भारत में घुमती,
नगर सीमा का उग्रवाद मिटाती।।
सारा सच बता रहें है हम आज,
देश सेवा करना ये गर्व की बात।
भर्ती होकर बहादुरी दिखा जाएं,
अपना सुनहरा नाम लिख जाएं।।