हंसना जरूरी है
( Hasna zaroori hai )
हॅंसना आसान है दुनियां में,
पर हॅंसाना बहुत कठिन दुनियां में।
हॅंसना है स्वास्थ्य का भी राज,
हॅंसना है चाहें कोई हो बीमार ।।
हॅंसने से कम होते है रोग,
हॅंसने वाले सभी रहते निरोग।
छोटे और बड़े हॅंसे सब खुलके,
काम भी करे सभी वो हॅंसके ।।
जानी लीवर, असरानी, जगदीप,
राजपाल, राजू, टोनी, संदीप ।
अच्छी खासी कीमत ये लेते,
इनको देखने लोग थियेटर में जाते।।
हॅंसता और हॅंसाता है कपिल,
नाम आज कमा लिया है कपिल।
नवजोत सुमोना गुलाटी व सुनील,
अर्चना, भारती, कीकू कॉमेडी किंग ।।
ना रोते रहो नही उदास रहो,
काम अपने सारे हॅंसकर ही करों।
डॉक्टर भी बताते है स्वस्थ की दवा,
हॅंसना है रोग की सबसे बड़ी दवा ।।
दिल-दिमाग हो जाता है दुरूस्त,
भूख-प्यास भी फिर लगती दुरूस्त ।
लिखी है कविता आज में गणपत,
हॅंसते रहो यारों सभी रहो स्वस्थ ।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )