पूनम का चांद | Poonam ka Chand
पूनम का चांद
( Poonam ka chand )
आसमान का चांद आज
कुछ ऐसा चमचमा रहा है
मानो नहा कर चांदनी से
बिल्कुल अभी आ रहा है।
ए चंदा, चांदी से चमक कर
चले हो किस ओर
कहीं मिलने तुमसे आज
आने वाला है कोई चकोर।
फूलों की डाली से झांकते
ऐसे लग रहे हो मानो
झांक रही हो कोई हूर
जालीदार परदे से।
गुलाबी फूलों की ओट से
मुखड़ा तुम्हारा और भी
अधिक मनमोहक लग रहा है
दृष्टि हठ ही नहीं रही
इस मनोहारी छटा से।
दीपमाला गर्ग
( फरीदाबाद )