Pyar shayari

प्यार के वो मैं इशारे ढूँढता हूँ | Pyar shayari

प्यार के वो मैं इशारे ढूँढता हूँ

( Pyar ke woh main ishare dhoondta hoon )

 

 

प्यार के  वो मैं इशारे ढूंढ़ता हूँ
ऐसे आंखों के सहारे ढूंढ़ता हूँ

 

जिंदगी को दें ख़ुशी जो ये हमेशा
शहर में ही वो गुजारे ढूंढ़ता हूँ

 

प्यार के डूबा हूँ मैं  दरिया में ऐसा
प्यार  के मैं वो  किनारे ढूंढ़ता हूँ

 

तुम नहीं हो पास में तो रात दिन मैं
ख़त किताबों में तुम्हारे ढूंढ़ता हूँ

 

फोड़ दूंगा बेवफ़ा का आज मैं सर
मैं तो पत्थर खूब सारे  ढूंढ़ता हूँ

 

साथ क़िस्मत मेरा देती ही नहीं है
जो नज़र मेरी   उतारे ढूंढ़ता हूँ

 

जो हमेशा बरसें आज़म पे वफ़ा से
उल्फ़त की ऐसी बहारे ढूंढ़ता हूँ

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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