Ulfat shayari
Ulfat shayari

मुझे उससे बहुत उल्फ़त हुई है

( Mujhe usse bahut ulfat hui hai )

 

 

मुझे उससे बहुत उल्फ़त हुई है
उसी की रोज़ अब हसरत हुई है

 

बहुत भेजे उसे गुल प्यार के थे
न उसकी दूर वो नफ़रत हुई है

 

रहूँ कैसे बिना उसके बताओ
उसी की मुझको अब आदत हुई है

 

हुई जब से मुहब्बत है तुझी से
नहीं दिल को यहां राहत हुई है

 

नज़र आता नहीं उसके सिवा और
नज़र मैं क़ैद वो सूरत हुई है

 

सताया याद ने उसकी बहुत दिल
नहीं दिल को मगर फुरसत हुई है

 

बहुत जलने लगे है लोग आज़म
उसी से यार जब निस्बत हुई है

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

हर ख़ुशी से ग़रीब ए आज़म | Ghazal

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here