
रात भर नींद नही आयी मुझे
( Raat bhar neend nahi aaye mujhe )
रात भर नींद नही आयी मुझे,
तेरी यादों ने जगा रखा था।
आज फिर से वही तन्हाई है,
तेरी यादों ने जगा रखा था।
यादों ने ख्वाब दबा रखा हैं,
नींद आती ही नही है मुझको,
रातभर करवटों का दौर चला,
तेरी यादों ने जगा रखा था।
तुम मत रोना प्रिय मेरे,
यह तेरा काम नही है।
जिस संग मन ये लागा,
मेरा घनश्याम वही है।।
जो राधा का है मोहन,
मीरा का नटवर नागर।
वो प्रेम रसिक इस जग का,
मन मेरा छलकत गागर।।
वो एक पुरूष सृष्टि का,
बाकि तन मन सब नारी।
वो परम पिता परमेश्वर,
सम्पूर्ण सत्य निर्विकारी।।
तन पे मन का अधिकार रहे,
चैतन्य हृदय उपकारी।
हुंकार प्रीत का दर्पण है,
श्रीनाथ सर्व हितकारी।।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
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