राम सत्व में, विस्थापित दलित शोषित उत्थान

 

कृत संकल्पित राम अनुपमा,
स्वार्थ तज्य अनुज्ञ सिद्धांत ।
उपेक्षित एकता प्रेरणा पुंज,
अनुग्रह तत्पर सदैव क्लांत ।
आत्म गौरव पुनःअभिमंडन,
स्फूर्ति शक्ति संचेतन आह्वान ।
राम सत्व में, विस्थापित दलित शोषित उत्थान ।।

जन भावना सहर्ष स्वागत,
पर पक्ष व्यंजना नीति रीति ।
साधन साध्य नैतिक श्रृंगार,
मानवता हित नित कूटनीति।
समर्थन निर्वासित निष्कासित,
पुनर्स्थापना हिय अरमान ।
राम सत्व में, विस्थापित दलित शोषित उत्थान ।।

वनवास काल निज व्यक्तित्व,
पुनरान्वेषित कल्याण पथ।
विस्मृत राजशाही सुख वैभव,
धर्म सारथी समाज रथ ।
आशा किरण अरण्य जगत,
विस्थापन मैत्री अनूप गुणगान ।
राम सत्व में, विस्थापित दलित शोषित उत्थान ।।

राम चरित स्व निर्मित सत्ता,
आदर्श मर्यादा वंचित हितार्थ ।
अधर्म अन्याय असत्य प्रतिरोध,
सदैव अभिरक्षित पुरुषार्थ ।
सहानुभूति सद्भाव पराकाष्ठा,
भगवत्ता अंतर सेवा प्रज्ञान ।
राम सत्व में, निर्धन दलित शोषित उत्थान ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

यह भी पढ़ें:-

विश्व धरा ज्योतिर्मय : राघवेंद्र के अभिनंदन में

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here