रंगों की बातें | Rangon ki Baatein
रंगों की बातें
( Rangon ki baatein )
क्या सोचा है कभी तुमने
कैसे करते हैं रंग बातें ?
गुलाबी सुबह और नीला आकाश,
हम कैसे हैं पाते ?
क्यों होती है शाम सुनहरी
क्यों होती है काली रातें,
क्या कहता वो भूरा पेड़
अगर हरे पत्ते ना उसे सजाते?
जीवन के यह अदभुत रंग
एक रंग-बिरंगा संसार बनाते।
भर लो रंगों को जीवन में
करने दो इन्हें खुलकर बातें।
पुरनित कु. दिक्षित
( गुरुग्राम )
Beautiful composition
Beautiful, colourful and joyful composition.
Thank you Archana.
Simply loved Rangon ki baatein – especially the last couplet!! Children express themselves beautifully through colours and create such magic!
Thank you, Sonu