रंगों की बातें

( Rangon ki baatein ) 

 

क्या सोचा है कभी तुमने
कैसे करते हैं रंग बातें ?

गुलाबी सुबह और नीला आकाश,
हम कैसे हैं पाते ?

क्यों होती है शाम सुनहरी
क्यों होती है काली रातें,

क्या कहता वो भूरा पेड़
अगर हरे पत्ते ना उसे सजाते?

जीवन के यह अदभुत रंग
एक रंग-बिरंगा संसार बनाते।

भर लो रंगों को जीवन में
करने दो इन्हें खुलकर बातें।

 

पुरनित कु. दिक्षित

( गुरुग्राम )

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5 COMMENTS

  1. Simply loved Rangon ki baatein – especially the last couplet!! Children express themselves beautifully through colours and create such magic!

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