Raqeeb shayari
Raqeeb shayari

वो कहता रकीब हूँ बहुत मैं!

( Wo kahta raqeeb hoon bahut main )

 

 

वो कहता  रकीब हूँ बहुत मैं!

जिसका ही हबीब हूँ बहुत मैं

 

सामान खरीदूँ कैसे महंगा

पैसों से ग़रीब हूँ बहुत मैं

 

सच बोल रहा हूँ मैं सभी से

कहते सब अजीब हूँ बहुत मैं

 

कर दे जो इलाज मेरे ग़म का

ढूंढ़ू वो तबीब हूँ बहुत मैं

 

इल्ज़ाम नहीं लगा तू झूठे

दिल से ही नजीब हूँ बहुत मैं

 

करने में लगा बुरा मेरा वो

जिसके ही क़रीब हूँ बहुत मैं

 

जो चाह मिला कभी न आज़म

यारों बदनसीब हूँ बहुत मैं

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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