ऐसा मुझसे वो रूठा है | Rootha shayari
ऐसा मुझसे वो रूठा है
( Aisa mujhse wo rootha hai )
ऐसा मुझसे वो रूठा है
टुकड़े टुकड़े वो रिश्ता है
नफ़रत की चोट बहुत खायी
दिल उल्फ़त का ही प्यासा है
वो मिलता न मुझे है सच में
आंखों में जिसका सपना है
तोड़ी डोर वफ़ा की उसनें
जैसे कोई गुल टूटा है
मार गया पत्थर नफ़रत के
टूटा उल्फ़त का ही शीशा है
टूटा ऐसा छोर ख़ुशी का
ग़म का जीवन में दरिया है
हाल सुनाऊँ किससे दिल का
आज़म ख़ूब यहाँ तन्हा है