साथ रहबर ना कोई सहारा हुआ
साथ रहबर ना कोई सहारा हुआ
साथ रहबर ना कोई सहारा हुआ।
मुश्किलों में ना कोई हमारा हुआ।।
देखते -देखते सब पराए हुए।
वक्त आता नहीं सँग गुजारा हुआ।।
काम आया कभी जो वतन के लिए।
इस जहां में सभी का वो प्यारा हुआ।।
पास आए सभी मांगने के लिए।
टूटता सा हुआ दिल सितारा हुआ।।
हादसा हो गया साथ मेरे तभी।
पास आता नज़र जब किनारा हुआ।।
वो मरेगा नहीं है कलाकार जो।
उस अमरनाथ का वो दुलारा हुआ।।
शायरी बाद मेरे रहेगी “कुमार”।
मौत का जिस घङी भी इशारा हुआ।।