Saawariya Rajsthani Geet
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सांवरिया बेगो आज्या रे

( Saawariya Bego Aajya Re ) 

सांवरिया बेगो आज्या रे,सांवरिया बेगो आज्या रे
होळी म खेलां फाग, आयकै रंग बरसा ज्या रे।
सांवरिया बेगो आज्या रे

तेरी बंसी सुनकै राधा, दौड़ी दौड़ी आज्यावै।
लहरा लेव जठै गोपियां, मधुबन सगळो महकावै।
मदन मुरारी नटवर नागर, प्रित रंग लगा ज्या रे।
कृष्ण कन्हैया मत कर देरी, गीत सुरीला गाज्या रे।
सांवरिया बेगो आज्या रे

फागण आयो रंग रंगीलो, मेरो मोहन छैल छबीलो।
बण ठण आवे बो रंगरसियो, झूमे होयकै रंग रंगीलो।
होळी होळी टाबर टोळी, ठुमका मदन दिखा ज्या रे।
चंग धमालां फाग सुणावां, महफिल न महका ज्या रे।
सांवरिया बेगो आज्या रे

रास रचावै जद बनवारी, झूमे नाचे दुनिया सारी।
फूल खिले बागां फुलवारी, आंगणिये गूंजे किलकारी।
गिरधर नाचे लीलाधारी, फागण फाग सुणाज्या रे।
श्याम लीला न्यारी थारी, बेड़ो पार लगाज्या रे।
सांवरिया बेगो आज्या रे

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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