Sad wali ghazal
Sad wali ghazal

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा

( Dil dukha khoob raha wo mera )

 

 

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा !

दोस्त सच्चा न हुआ वो मेरा

 

हर घड़ी करके सितम वो मुझ पर

दिल रहा रोज़ दुखा वो मेरा

 

रास्ता कैसे मिले मंज़िल का

रहनुमा  ही न  बना वो मेरा

उम्रभर जिसकी भलाई की थी

कर गया आज बुरा वो मेरा

 

कोई भी बात न माने आज़म

रह गया कब है सगा वो मेरा

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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