सादा जीवन उच्च विचार
( Sada jeevan ucch vichar )
आओ मिलकर नया समाज बनाऍं,
आज ऐसा ये एक इतिहास रचाऍं।
अपनाऍं सादा जीवन, उच्च विचार,
इस जीवन का रखें ये मूल आधार।।
रहन- सहन रखों साधारण ढ़ंग का,
मानव सुखी तब रहेगा हर घर का।
महात्मा और महापुरूष का जीवन,
था महान सॅंत का भी ऐसा जीवन।।
गुणगान करते इसलिए हम उनका,
सादाजीवन उच्चविचार था उनका।
ईमानदारी, सच्चाई ये गुण थें उनमें,
दूसरो के प्रति सहानुभूति थी उनमें।।
धन- दौलत सुविधाओं से रहते दूर,
सहायक बनते निर्धन और मजबूर।
सभी कठिनाई का सामना कर लेते,
सदा शुभ विचार फैलाते चारों और।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )