Sahodar par chhand
Sahodar par chhand

सहोदर

( Sahodar ) 

 

संग संग जन्म लिया,
संग मां का दूध पिया।
सहोदर कहलाए,
एक मां के पेट से।

सम सारे विचार हो,
शुभ सारे आचार हो।
रूप रंग मधुरता,
गुण मिले ठेठ से।

समभाव सद्भावों की,
जन्मजात प्रभावों की।
समता मिल ही जाये,
सांवरिया सेठ से।

शकल सूरत मिले,
दिलों के चमन खिले।
दो दिल जान एक हो,
कुदरत भेंट से।

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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