Samay par Kavita in Hindi

वक्त से बड़ा कुछ भी नहीं | Samay par Kavita in Hindi

वक्त से बड़ा कुछ भी

( Waqt se bada kuchh bhi nahin ) 

 

आओं मिलकर आज सभी एक यह संकल्प करें,
हर मनुष्य को आदर देकर सभी का सम्मान करें।
खुद जागरुक होकर के सबको भी जागरुक करें,
एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाकर जो बनें मदद करें।।

सारे जगत में अपनी भी ऐसी एक पहचान बनाएं,
नफ़रत का अंकुर न पनपे ऐसा सभी पेड़ लगाएं।
गलतियां हुई हो कैसी भी उन्हें ना वापस दोहराएं,
विपदा आए कोई किसी को मदद में हाथ बढ़ाएं।।

कौशिश करते रहें हमेशा हार चाहें हो दसवीं बार,
हारते-हारते जीत भी होगी कभी मिलेगा उपहार।
ग़रीब-ग़रीब होकर भी हंसता अमीर हमेशा रोता,
हृदय में कभी तो उमड़ेगा शत्रु व अपनों के प्यार।।

डरना नही कभी किसी से और अहंकार न करना,
प्रफुल्लित हो सबका मन ऐसा कार्य करते रहना।
षड्यंत्र रचने वालें से सदा ही दूरी बनाकर रखना,
कठोर व अपमानित शब्द जीभ पर आने न देना।।

चलता रहता कभी न थकता वक्त अपनी चाल से,
वक्त से बड़ा कुछ नही है सच्च बता रहे ईमान से।
यह वक़्त और अध्यापक सिखलाई दोनों ही देता,
वक़्त पहले और अध्यापक बाद में परीक्षा लेता।।

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

 

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