संभावना

( Sambhavna )

 

उम्मीदों का चिराग हर वक्त जलाए रखिए
जीवन मे संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती

माना की चमकता है दिन का ही उजाला
तो क्या चांदनी से भी रोशनी नही होती

आज ही तो जीवन का आखिरी दिन नही
क्या बुझते दीप मे भी भभक नही होती

पता नही गहराई मे छिपा खजाना कहां है
क्या एक और कोशिश ही अंतिम नही होती

चलते रहिए लक्ष्य मे दृढ़ता लिए हरदम
क्या अगले मोड़ पर ही दूरी खत्म नहीं होती

कायम रहती है हर पल जीत की संभावना
संभावनाओं की तिजोरी खाली नही होती

 

मोहन तिवारी

 ( मुंबई )

यह भी पढ़ें :-

देख लिए बहुत | Dekh liye Bahut

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here