Sapne mein ek chehra aya
Sapne mein ek chehra aya

सपने में इक चेहरा आया

( Sapne mein ek chehra aya )

 

 

सपने में इक चेहरा आया
कोई बिछड़ा अपना आया

 

बात करेगा क्या उल्फ़त की
करने वो बस शिकवा आया

 

झूलेंगे बच्चें झूले में
गांव हमारे मेला आया

 

खुशियों के दिन ढ़लतें जाये
ग़म का मुझपे साया आया

 

वो माना न मनाने से भी
लौट के मैं घर तन्हा आया

 

बदलेगा जो न हक़ीक़त में
ऐसा आज़म सपना आया

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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