भव्य सरस काव्य गोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन
नव चेतना साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था व अलायंस क्लब ईन्द्र के संयुक्त तत्वाधान में स्व. कन्हैया लाल सहल की जयंती पर सरस काव्य गोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन जांगिड अस्पताल मे 23 नवंबर को सांय 4 बजे किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ दयाशंकर जांगिड ने की तथा मुख्य अतिथि प्रसिद्ध शिक्षाविद डाॅ जगदीश प्रसाद कड़वासरा थे विशिष्ट अतिथि प्रांतपाल जगदीश प्रसाद जांगिड व पीआरओ सुरेन्द्र कुमार ख्यालिया थे। इस अवसर पर राजस्थानी भाषा के कवि काशीनाथ मिश्रा को शाॅल साफा व स्काउट संघ द्वारा प्रतीक चिंह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में नव चेतना अध्यक्ष महेन्द्र कुमावत सचिव रमाकांत सोनी, मोहनलाल जांगिड, ऱिद्धकरण बासोतिया, निसार अहमद निसार, काशीनाथ मिश्रा ने अपनी राजस्थानी भाषा की कविताओ का वाचन किया। कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिये एकजूट होकर कार्यवाही करने का निश्चय किया गया।
नव चेतना द्वारा 25 तारीख को होने वाले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान करने व करवाने की अपील की गई। कार्यक्रम में डाॅ मनीष डाॅ मीनाक्षी जांगिड मुरली मनोहर चोबदार गंगाधर मील सचिन महेश सैनी संजय चोटिया आदि लोगो ने भागीदारी निभाई।
जगदीश प्रसाद जांगिड ने कहा कि हमारी भाषा बहुत मधुर है प्रवासी लोग भी देश व विदेश में भी अपने घर में इसी भाषा का उपयोग करते है। डाॅ जगदीश प्रसाद कडवासरा ने कहा कि राजस्थान हर दस कोस में भाषा बदल जाती है सरकार भी किस किस को मान्यता दें। और भाषायें सभी जगह एक जैसी है। फिर भी हमें अपने घर में वार्तालाप में राजस्थानी भाषा का उपयोग करना चाहिये।
डाॅ दयाशंकर जांगिड ने कहा कि हमारे लिये गौरव की बात है कि नवलगढ की धरती पर सौ साल पहले भी कन्हैयालाल सहल जैसे विद्वान पैदा हुये। नवलगढ के नाम को पूरी दुनिया में फैलाया।
उन्ही के भाई डाॅ नागरमल सहल, डाॅ मखनलाल सहल, डाॅ फूलचंद सहल, मोहनलाल सहल आदि ने भी शिक्षा व साहित्य में अपना बहुत योगदान दिया। स्व. कन्हैयालाल जी के सुपुत्र डाॅ कृष्ण बिहारी सहल भी व्याख्याता रहे। 1962 में मेरे लोहिया काॅलेज चूरू में हिंदी के गुरू रहे है। ऐसे परिवार को बार बार नमन। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दी गई। स्व. सहलजी का जीवन परिचय वाचन व संचालन रमाकांत सोनी ने किया।