शारदे मां का वंदन
शारदे मां का वंदन
ज्ञान की देवी मातु शारदे, मां मैं तुझको प्रणाम करूं,
निशदिन तुझे प्रणाम करूं,तेरे चरणों में मैं शीश धरुं।
जग का भाग्य बनाने वाली मां,मेरा भी जग नाम करो,
इतनी बुद्धि दे देना मां शारदे,आठों पहर तेर नाम धरूं।।
मां मेरी अभिलाष यही,जग में ज्ञान की ज्योति जगाऊं मैं,
तेरे आशीर्वाद से मां बस जग में अपना परचम लहराऊं मैं।
अभिमान का शारदे मां मर्दन करना मन में कभी न आए वो,
ऐसे मुझमें प्रीत बनाओ मां शारदे जग काम आ जाऊं मैं।।
तेरी लीला मातु शारदे बड़ी ही न्यारी जग तेरा बखान करें,
बुद्धि प्रदाता, अहंकार विनाशक जग तेरा ही गुणगान करें।
मातु शारदे ज्ञान दीजिए बुद्धिहीन हूं मैं ही इस सारे जग में,
बुद्धिहीन बुद्धिमान करें मां पल में बुद्धिमान बुद्धिहीन करें।।
तेरी महिमा बड़ी निराली किस-किस का मैं बखान करूं,
तू ही तो मेरी रक्षक है मेरी मां,तुझ पर ही अभिमान करूं।
नव विहान हो जीवन में,हर दिन खुशियों से भरा रहे मन,
इतनी बुद्धि देना मातु शारदे,ताकि मैं सबका सम्मान करूं।।
प्रभात सनातनी “राज” गोंडवी
गोंडा,उत्तर प्रदेश
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