शिक्षक होते है पूजनीय

( Shikshak hote hai poojneey ) 

 

चलों मनायें हम सब मिलकर आज शिक्षक दिवस,
पाॅंच सितम्बर को आता है यह पावन दिन हर वर्ष।
सभी को ज्ञान देते यह शिक्षक यही मिटाते अज्ञान,
डाॅ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी है इनके ये आदर्श।।

बड़ा योगदान रहा है इनका शिक्षा एवं राजनीति में,
प्रोफेसर कुलपति रहें है वो इन विश्व-विद्यालयों में‌।
इस लिए शिक्षक दिवस का दिन इनको है समर्पित,
कई प्रतियोगिताएं होती है इस दिन विद्यालयों में।।

इस रोज़ नहीं रहता है शिक्षक दिवस का अवकाश,
होता सांस्कृतिक कार्यक्रम व शिक्षकों का सम्मान।‌
जिससे गुरू और शिष्य का ये रिश्ता मजबूत होता,
अन्धेरे से निकालकर जीवन ये करतें प्रकाशवान।।

किसी भी शिष्य से नहीं करते ये शिक्षक भेद‌-भाव,
निर्धन हो या धनवान सरल रहता है जिनका भाव।
अध्यापक टीचर मास्टर सर एवं कहते इनको गुरू,
नही होते कोई शिक्षक स्वार्थी शहर हो चाहें गाॅंव।।

गुरू ज्ञान से ही समझते है पाप एवम क्या है पुण्य,
जो चलते इनके बताएं पदचिन्ह पर हो जाते धन्य।
कल्याण के मार्ग पर चलना ये गुरूदेव ही सिखाते,
विद्यार्थियों के लिए यही शिक्षक होते है पूजनीय।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here