श्री चरण | Shree Charan
” श्री चरण “
( Shree charan )
श्री गिरिधर दीजिए ,
मुझे श्री चरणों में निवास ।
बड़ा कठिन रहा विरह तुमसे ,
मिलन की गिरधर तूझसे आस ।।
चरण पखारे जिनके यमुना नित,
जिन पर श्री राधा रानी प्रेम लुटाएँ ।
मीरा भक्ति करें मग्न हो जिनकी ,
सुदामा सा मित्र जिन्हें समझाएं ।।
ऐसी कृपा करो गिरधर अब मेरे ,
सेवा तेरे चरणों कि मोहे मिल जाए ।
पड़ा रहूं चाहे चौखट पर तेरी मैं,
मोहे संसार नहीं अब यह भाए ।।
छल, कपट, घृणा न जानू मुरारी में,
लोभ, मोह से परे रहूं हे गिरधारी ।
मोहे अब भक्ति मार्ग दिखलाओ ,
हे गिरधर मधुर मुरली से कृपा वरसाओ ।।
मोर- मुकुट ,कुंडल ,चंदन तिलक से ,
ये चंचल छवि श्री हरी में निहारु।
चरण हृदय में रखकर हैं भगवन,
भक्ति भाव से नित इनको मैं पखारु ।।
आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश