Sawan Mahina par Kavita
Sawan Mahina par Kavita

सावन महीना

( Sawan Mahina ) 

 

सावन महीना अति विशेष
प्रेम ,साधना , पूजा का अशेष ( संपूर्ण )
भक्त करते भक्ति भगवन की
निरंतर होता जल अभिषेक।।

अनोखी घटा निराली देखो
सावन की खुशहाली देखो
बदरिया पहने बूंदों के हार
अंबर से बरसे प्रेम की फुहार।।

रिमझिम रिमझिम सावन माह में
कांवरिया जल लेकर प्रेम से आए
करके शिव शंभू महादेव की पूजा
पुण्य से सबका दर्शन हो जाए पूरा ।।

बरस रहा ये मनभावन सा सावन
करता धरा को प्रेम से यह गीला
मन रूपी माटी भी प्रेम से भीगे
जिसकी खुशी आखों से झलके ।।

प्रकृति का रूप भी लगे रंगीला
चुनर ओढ़ ली धरा ने हरियाली की
करती नित अपना श्रृंगार छबीला
सुंदर दृश्य दिखे चहूं ओर सजीला ।।

रंग बिरंगी पुष्प लगे है डाली डाली
तितलियां उड़ती हैं उनपर निराली
देख कर ये मन हर्षित हो उठता हैं,
सावन में झूले सब मिलकर झूला ।।

 

आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश

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