Shri Ram Mandir Aitihasik Pal

श्री राम मंदिर ऐतिहासिक पल | Shri Ram Mandir Aitihasik Pal

जाकर नाम सुनत शुभ होई,
मोरे गृह प्रभु आवा सोई।

अयोध्या का नाम आते ही मन में जो विचार आते हैं, वह है राम की कहानी, विश्वास की कहानी ,समूची भारत की आस्था की कहानी । अयोध्या हमेशा से ही धार्मिक एवं आध्यात्मिक केंद्र रहा है , अयोध्या एक प्राचीन शहर है और इसे हिंदुओं के साथ पवित्र शहरों में से एक माना जाता है, इसे कौशल या साकेत या अवध भी कहा जाता है ।

चारों वेदों में पहले अथर्ववेद में अयोध्या को ईश्वर का नगर माना है ,अयोध्या में भगवान राम का जन्म हुआ था ।अयोध्या नगरी सरयू नदी के किनारे पर बसा हुआ है । रामायण के अनुसार राजा मनु ने अयोध्या बसाई थी ।

अयोध्या का संबंध न सिर्फ भगवान राम से है बल्कि बौद्ध, जैन, और इस्लाम धर्म से भी है। 22 जनवरी को प्रभु श्री राम के स्थापना महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। आज सरयू के तट मुस्कायेंगे, क्योंकि 500 वर्षों के इंतजार समाप्त होने जा रहा है । 22 जनवरी को आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के कर कमरों द्वारा रामललाअपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं।

इस चिर प्रतीक्षित क्षण के हम सभी साक्षी होने जा रहे हैं, जो की हम सभी भारतवासी के लिए गौरववशाली क्षण होगा । 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया गया । यह भारत का सबसे विशाल मंदिर होने जा रहा है, जिसको1800 या2000 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा है और जिसके लिए 9000करोड़ रुपए दान में प्राप्त हो चुके हैं, जो कि लोगों की धार्मिक श्रद्धा को प्रदर्शित करता है कि लोग किस तरह से हर्षित और उल्लासित हैं कि उनके प्रभु श्री राम जो कभी टेंट में रहते थे, अब उनका भव्य मंदिर तैयार होने जा रहा है और इस ऐतिहासिक पल के हम सब साक्षी होने जा रहे हैं।

अयोध्या मंदिर वास्तु शास्त्र और शिल्प शास्त्र दोनों का अद्भुत मिश्रण है ,जिसमें कोई भी स्टील या आयरन उपयोग नहीं किया गया है बल्कि पत्थरों लकड़ी कॉपर और सफेद सीमेंट से बनाया गया है,जो 1000 साल तक सुरक्षित रहेगा ।

इसे निर्मित करने के लिए कई जगह से मिट्टी और जल लाया गया है ,जो कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है , श्रीलंका से भी शिला लायी गयी है। पूरा मंदिर 2.7 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है जिसमें तीन मंजिलें बनाई गई हैं और लगभग 400 पिलर और 12 प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, गर्भ गृह में पांच मंडप हैं ।

मंदिर में 5 साल के रामलला का धनुष बाण के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी ,जो कि सोने के सिंहासन में विराजमान रहेंगे। मंदिर के नींव में एक टाइम कैप्सूल भी रखा गया है, जिसमें मंदिर से संबंधित सारी जानकारी संचित की गई है ताकि भविष्य में कोई छेड़खानी ना कर सके।

भूमि पूजन के बाद से ही अयोध्या में चारों ओर विकास का कार्य जोरों पर है, अभी हाल ही में इंटरनेशनल महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया जिसमें सात स्तंभ हैं ,जो रामायण के सात कांड को प्रतिबिंबित करते हैं।

साथ ही इलेक्ट्रिक बस भी उपलब्ध कराई जा रही है।अयोध्या को सोलर सिटी बनाया जा रहा है जिसमें 10.2 किलोमीटर तक 470 सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है । यह सिर्फ राम मंदिर का ही निर्माण नहीं है यह निर्माण है नए विकास की , धार्मिक आस्था की, धार्मिक विश्वास की जिसमें पूरा भारत देश एकजुट हो रहा है।

दिशा मिश्रा
जयपुर

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