राष्ट्रीय युवा दिवस : स्वामी विवेकानंद जयंती

राष्ट्रीय युवा दिवस: स्वामी विवेकानंद जयंती

धन्य भूमि भारत में जन्मे,
एक सरल ह्रदय सन्यासी।
मानवता का पाठ पढ़ाकर,
सोच बदल दी दुनिया की।।

वह नरेंद्र से बन गए संन्यासी,
छोड़ी एक छाप युवा मन पे।
माया, मोह, विनोद छोड़कर,
बल्कल वस्त्र धारण तन पे।।

राम कृष्ण को गुरु बनाकर ,
ब्रह्म से साक्षात्कार किया।
पचीस वर्ष में योगी बनकर ,
प्रण राष्ट्र चेतना ठान लिया।।

देश विदेश में घूम-घूमकर,
संस्कृति का ध्वज फहराया।
दीन- हीन की सेवा का व्रत,
ले प्रेम से सबको अपनाया।।

ब्रह्मचर्य तप त्याग तपस्या,
नव युवकों को यें तंत्र दिया।
स्वर्ग से सुन्दर अपने देश से,
सदभावना का मन्त्र दिया।।

प्रेरित किया नव युवकों को,
सारे जगत को सन्देश दिया।
लक्ष्य साहस से बड़ा नहीं है,
शिकागो में चरितार्थ किया।।

अमेरिका की धर्म-सभा में,
गुंजी थी ध्वनि सनातन की।
‘भाई- बहन’ सम्बोधन सुन,
चकित हुए सारे महामनिषी।।

वे भारत के सच्चे अगुआ थे,
रग- रग भरा स्वाभिमान था।
भारतीय दर्शन, संस्कृति का,
सारे जग को कराया ज्ञान था।।

युवा देश की सच्ची निधि है,
संस्कारित योग्य बनाये हम।
जन कल्याणक सपने देखें,
अंतर्मन की शक्ति जगायें हम।।

आह्वान विवेकानंद का जैसा,
वैसा लक्ष्य महान बनाये हम।
सारी जगती में सबसे अच्छा,
जगतगुरु भारत बनायें हम।।

भगवान दास शर्मा ‘प्रशांत’
शिक्षक सह साहित्यकार
इटावा उ.प्र.

यह भी पढ़ें : 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *