मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू
मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू ऐसी मेरी सनम जिंदगी बन जा तू सोचता हूँ ये मैं काफ़ती रुह है की न मुझसे कहीं अजनबी बन जा तू दूर क्यों रहता है यूं भला मुझसे ही मेरे दिल की सनम आशिक़ी…
मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू ऐसी मेरी सनम जिंदगी बन जा तू सोचता हूँ ये मैं काफ़ती रुह है की न मुझसे कहीं अजनबी बन जा तू दूर क्यों रहता है यूं भला मुझसे ही मेरे दिल की सनम आशिक़ी…
मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है यह बात ज़रा सा दर्द तो सीने में जगाती है हजार लहो को बुझाकर रोशन हुआ में अब तो हर चराग मुझे जलाती है वह में नहीं तो क्या हुआ? उसे मुहब्बत तो है यही…
प्यार की जब उससे दोस्ती टूटी है प्यार की जब उससे दोस्ती टूटी है! रोज़ तन्हाई से जिंदगी टूटी है हर घड़ी नफ़रतों की रवानी थी बस वो न दिल से उसके दुश्मनी टूटी है डूबी है जिंदगी ही नशे के ग़म में प्यार की ही दिल से मयकशी टूटी है…
जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी दूर हो हर दिल से बेबसी हर तरफ़ हो ख़ुशी मुल्क में हो नहीं हर आंखों में नमी दूर रहना हर ग़म जीवन से हो लबों पे सभी के हंसी हर होठों पे ग़ज़ल गीत हो ऐसी इस साल हो…
यही जग की हकीक़त है यही जग का फ़साना है यही जग की हकीक़त है यही जग का फ़साना है। जिसे हम प्यार करते हैं उसे दिल तोङ जाना है।। करे बदनाम पीछे से भला जो सामने कहते। बहुत पाखंड दुनिया में बङा ज़ालिम ज़माना है।। करो एतबार कितना भी किसी…
मोबाइल –>मोबाइल से क्या सही,क्या गलत हो रहा है || 1.नहीं था बड़ा सुकून था, दोस्त परिवार के लिये समय था | दिल मे चैन दिमाक शांत, सुखी संसार के लिये समय था | न जाने क्या भूचाल सा आया, समय लापता सा हो गया | आज हर इंसान व्यस्त है, बस मोबाइल सब…
सांसों में तेरी ख़ुशबू है सांसों में तेरी ख़ुशबू है ! रोज़ नज़र आती अब तू है चाँद सी सूरत वाला है तू तेरा ही चर्चा हर सू है भाती तेरी आंखे ये लब तेरे काले काले गेसू है दीवाना हूँ इसीलिए मैं उसकी आंखों का जादू है सूरत…
अफसाने तेरे नाम के मेरी वफा का सिला यही वो मुझपे मरता है मिलता है जब भी जख्म हरा जरूर करताहै जाने कहां से सीखा जीने का यह सलीका कत्ल मेरा काँटे से नहीं वो फूल से करता है। वक्त को रखता हमेशा अपनी निगेहबानी में वो जिनदगी को बडे गुरुर से जीता है…
प्यार की वो आज राहें छूटी है प्यार की वो आज राहें छूटी है! जिंदगी भर उसके बातें छूटी है दीवाना करती थी अपनें हुस्न से आज वो हुस्ने ही रातें छूटी है ऐसा टूटा उम्रभर उसने रिश्ता आज उसनें वो मुलाकातें छूटी है प्यार की ख़ुशबू देती थी सांसों…
जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है ( Jindagi Se Aisi Wo Khushi Roothi Hai ) जिंदगी से ऐसी वो ख़ुशी रूठी है ! जब से आज़म से वो दोस्ती रूठी है खो गयी वो राहें प्यार से ही भरी दोस्त जब से मेरी रहबरी रूठी है खेल चलता रहा नफरतों…