ढ़ल रही धूप है सूरज की देखिए

ढ़ल रही धूप है सूरज की देखिए

ढ़ल रही धूप है सूरज की देखिए     ढ़ल रही धूप है  सूरज की देखिए!  है उछल कूद ये  आदमी देखिए   भा गयी है आंखों को सूरज की लाली ख़ूबसूरत बड़ी दिलकशी देखिए    रास्ते मंजिलों के  दिखाने को ही राहों में फ़ैली है रोशनी देखिए   जीतेंगे जंग रख हौसला दुश्मन से…

हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी

हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी

हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी     हरे है ज़ख़्म अब तक भी दिलों पे दाग़ है बाकी। धुआँ- सा उठ रहा शायद कहीं पे आग है बाकी ।।   नहीं ग़र भूल पाते हो करी कोशिश भुलाने की। बहुत यादें सताती है समझ लो राग है बाकी।।  …

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन

है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन     है यकीं ये हम मिलेगे एक दिन! साथ में दोनों चलेगे एक दिन   छोड़कर जिद वो नज़ाकत की मगर बात दिल की वो सुनेगे एक दिन   मंजिलें तेरी मिलेगी प्यार की फूलों से रस्ते सजेगे एक दिन   तोड़कर के फ़ासिलों की ही हदें…

ढा रहे अपने सितम ये

ढा रहे अपने सितम ये

ढा रहे अपने सितम ये     ढा रहे अपनें सितम ये हो गया कैसा  वतन ये   हम मिटा देगे अदूँ को जान से प्यारा वतन ये   सब मिटा देगे जहां से जुल्म को भी है लगन ये   प्यार से सीचो वतन ये कर रहा है अब चमन ये   है क़सम…

आंखों से मेरी सभी वो आज रूठे ख़्वाब है

आंखों से मेरी सभी वो आज रूठे ख़्वाब है

आंखों से मेरी सभी वो आज रूठे ख़्वाब है     आंखों से मेरी सभी वो आज रूठे ख़्वाब है! हो गये है जिंदगी से दूर सारे ख़्वाब है   टूट जाते है मंजिल पे ही पहुचने से पहले प्यार के ही  कब पूरे ए दोस्त होते ख़्वाब है   कब न जाने होगे सच…

प्यार से मुझको उसने मनाया नहीं

प्यार से मुझको उसने मनाया नहीं

प्यार से मुझको उसने मनाया नहीं     प्यार से मुझको उसने मनाया नहीं । प्यार मुझपे कभी भी जताया नहीं ।।   मै उसे यार अपना कहूँ किस तरह । साथ उसने हमारा निभाया नहीं ।।   खूब आँसू बहाये है हमने मगर । हाल दिल का किसी को  सुनाया नहीं ।।   बोलता…

जीस्त में जब ख़ुशी नहीं मिलती

जीस्त में जब ख़ुशी नहीं मिलती

जीस्त में जब ख़ुशी नहीं मिलती     जीस्त  में जब ख़ुशी नहीं मिलती ! दिल को राहत कभी नहीं मिलती   नफ़रतों के चराग़ जलते है हर दिल में आशिक़ी नहीं मिलती   हो गये लोग बेवफ़ा दिल से अब सही दोस्ती नहीं मिलती   यार ढूंढू मै कैसे मंज़िल को । राह में…

सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे

सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे

सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे   सोचा नहीं था हम इस कदर जाएंगे यहाँ से भी हम क्या बे-क़रार जाएंगे   एक रात भी अपने बस में नहीं है यानी गुज़रते थे, आज भी गुजर जाएंगे   क्या अजीब दुनियादारी है हमारी ज़िंदा दिल वाले आए तो मर जाएंगे   बे-इंतिहा मुहब्बत का…

कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर

कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर

कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर   कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर! ढ़ल गयी जीस्त से जब ख़ुशी आज फ़िर।।   दोस्त था वो मेरा पर ये क्या कर गया । कर गया वो बहुत दुश्मनी आज फ़िर।।   क्या निभाएगा वो राब्ता प्यार का । वो दिखा बस रहा बेरुख़ी आज…

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा

है वो आज़म गुलाब सा चेहरा     है वो  आज़म गुलाब सा चेहरा ! जैसा हुस्ने  शबाब सा चेहरा ।।     मैं पढ़ूँ उसके शब्द उल्फ़त के । वो दिखे पर क़िताब सा चेहरा।।   देखकर प्यार का नशा होता। है वो ऐसा  शराब सा चेहरा।।   प्यार आता बहुत मुझे उस पर…