Hindi Diwas Poem | मेरा सम्मान – मातृभाषा हिन्दी
मेरा सम्मान – मातृभाषा हिन्दी ( Mera samman – matribhasha Hindi ) कब तक हिंदी मंद रहेगी अग्रेजी से तंग रहेगी कब तक पूजोगे अतिथि को कब तक माँ यूँ त्रस्त रहेगी माना अग्रेजी की जरूरत सबको माना बिन इसके नहीं सुगम डगर हो माना मान सम्मान भी दिलवाती पर मातृ भाषा बिन कैसी…