हिंदी हम को प्यारी है
हिंदी हम को प्यारी है

हिंदी हम को प्यारी है

( Hindi Humko Pyari Hai )

 

हिंदी हमको प्यारी है, हर भाषा से न्यारी है।

तन मन धन सब मेरा, यह तो जान हमारी है।।

 

मां की ममता में हिंदी, पिता की झमता में हिंदी।

पति पत्नी के प्यार में , जीवन के हर कार्य में हिंदी।।

 

सुर के सुख का सागर हिंदी, भाव बिहारी गागर हिंदी।

भूषण का आभूषण हिंदी, श्रद्धा का मनु नागर हिंदी।।

 

तुलसी का बैराग है हिंदी, मीरा का प्रेम राग है हिंदी।

पंत निराला केशव के, जीवन का हर भाग है हिंदी।।

 

भारत की पहचान है हिंदी, जन जन का अभिमान है हिंदी।

राज काज पर नाज हमें, अभिनय जगत की तान है हिंदी।।

 

प्यार की भाषा है हिंदी, व्यवहार की भाषा है हिंदी।

धन्यभाग हम भारतबासी , सरकार की भाषा है हिंदी।।

 

मेरी एक अभिलाषा है, हिंदी बिन मन प्यासा है।

हिंदी बिंदी बन जग चमके, केवल यही अब आशा है।।

 

इस पार की भाषा हो हिंदी, उस पार की हो हिंदी।

कब ऐसा दिन आएगा, जब संसार की भाषा हो हिंदी।।

 

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कवि : रुपेश कुमार यादव
लीलाधर पुर,औराई भदोही
( उत्तर प्रदेश।)

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