
हिंदी हमारी
( Hindi Hamari )
तुलसी की वाणी रामायण हैं हिंदी
रसखान जी के दोहे है हिंदी
मीरा सा प्रेम कृष्ण नाम है हिंदी
भारतेंदु की आत्मा है हिंदी
दिनकर जी की शब्दों की ज्वाला है
सुमित्रानंदन की वाणी है हिंदी
जो शब्द दिलों को छूती है वो मृदुभाषी है हिंदी
संस्कार की देवी मां सरस्वती की वाणी है हिंदी
माता पिता के संस्कार आदर सम्मान है हिंदी
बड़े बुजुर्गों को दंडवत मान सम्मान है हिंदी ,
मां ,बहन, बेटी की इज्जत की लाज, सम्मान है हिंदी
कवियों की वाणी में समाज की इज्जत है हिंदी,
एहसासों का पावन सा भाईचारा है हिंदी
मां भारती की पहचान मात्री भाषा है हिंदी।
जवानों की बलिदान मातृभूमि है हिंदी
लेखक– धीरेंद्र सिंह नागा
(ग्राम -जवई, पोस्ट-तिल्हापुर, जिला- कौशांबी )
उत्तर प्रदेश : Pin-212218