लौटआओगे तुम | Love Kavita
लौट आओगे तुम ( Laut aaoge tum ) याद है एक बर्फीली पहाड़ी शाम सफेद चादर सी दूर तक फैली बर्फ देवदार के वृक्ष ठंडे ,काँपतें तुम्हारे हाथों की वो छूअन मात्र से पिघलने लगा मेरा रोम,रोम आँखों में तेरी मदहोशी लवों पर मुस्कान कानों में गूँजती वो निश्चल हँसी खो गये जो पल…