लौटआओगे तुम | Love Kavita

लौटआओगे तुम | Love Kavita

लौट आओगे तुम ( Laut aaoge tum )   याद है एक बर्फीली पहाड़ी शाम सफेद चादर सी दूर तक फैली बर्फ देवदार के वृक्ष ठंडे ,काँपतें तुम्हारे हाथों की वो छूअन मात्र से पिघलने लगा मेरा रोम,रोम आँखों में तेरी मदहोशी लवों पर मुस्कान कानों में गूँजती वो निश्चल हँसी खो गये जो पल…

मैं तेरा हो जाऊं

Love Kavita | मैं तेरा हो जाऊं

मैं तेरा हो जाऊं ( Main Tera Ho Jaoon )   तेरी बाहों में सर रख कर सो जाऊँ; तेरे हंसी खाबों में फिर से खो जाऊँ ।   हम भी बड़े बेताब हैं तेरे दिल में रहने को, तू प्यार से बुला मुझे,मैं अंदर तभी तो आऊँ ।   तुझे हक़ से दुनिया वालों…

प्रेम अगन

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Love Kavita -प्रेम अगन

प्रेम अगन ( Prem Agan )   बचना  होगा   प्रेम  अगन से, इसमे  ज्वाला ज्यादा है। सुप्त सा ये दिखता तो है पर,तपन बहुत ही ज्यादा है।   जो भी उलझा इस माया में, वो ना कभी बच पाया है, या तो जल कर खाक हुआ या, दर्द फफोला पाया है।   कोई कुछ भी…

माना कि तुम

माना कि तुम | Love kavita

  माना कि तुम ( Mana ki tum )     माना कि इन हाथों की लकीरों में तुम नहीं….…….. फिर भी मुझमें तुम शामिल हो, लकीरें तो उनके हाथ में भी नहीं होती जिनके हाथ नहीं होते। तुम मुझे हासिल नहीं फिर भी मुझसे तुम दूर तो नहीं हो। इन हाथों की लकीरों में…