नहीं वो पास मेरे आ रही यादें

नहीं वो पास मेरे आ रही यादें

नहीं वो पास मेरे आ रही यादें   नहीं वो पास मेरे आ रही यादें! निगाहे को रुलाती है बड़ी यादें   कभी दिन साथ उसके ही गुजारे थे सतायें ख़्वाब में आकर वही यादें   बिना मेरा नहीं वो हम सफ़र जीवन यहां तो बस रुलाने को मिली यादें   उदासी का यहां आलम…

अगर रिश्ता निभाना हो वफाएं काम आती है

अगर रिश्ता निभाना हो वफाएं काम आती है

अगर रिश्ता निभाना हो वफाएं काम आती है   अगर रिश्ता निभाना हो वफाएं काम आती है। नहीं जब साथ दे किस्मत दुआएं काम आती है।।   बहारें रूठ जाती है चमन से जब कभी यारो। खिलाने को गुलों को तब खिज़ाएं काम आती है।।   कहो कब नेक होती है सभी ईंसान की फितरत।…

यादों की तानी रजाई!

यादों की तानी रजाई!

यादों की तानी रजाई!   यादों की तानी रजाई! लम्बी रातें है  तन्हाई   ख़्वाब में आता नहीं वो हाँ उदासी दिल पे छाई   चैन नहीं है रात भर अब याद जब से उसकी आई   सोच में डूबा दिल उसकी चोट दिल पे ऐसी खाई   हो चुका वो ग़ैर आज़म ये बताये…

दिल हुआ दीवाना मेरा एक मुखड़ा देखकर

दिल हुआ दीवाना मेरा एक मुखड़ा देखकर

दिल हुआ दीवाना मेरा एक मुखड़ा देखकर     दिल हुआ दीवाना मेरा एक  मुखड़ा देखकर! राह में पहले न हुआ था दोस्त ऐसा देखकर   प्यार क़ा ऐसा नशा उसका चढ़ा मुझको मगर मैं गवा बैठा किसी को होश अपना देखकर   दिल मचले है उसका ही अपना बनाने को मेरा उस हंसी का…

हर रहनुमा यहां झूठा निकला

हर रहनुमा यहां झूठा निकला

हर रहनुमा यहां झूठा निकला   हर रहनुमा यहां झूठा निकला! कोरा-कागज़ उसका वादा निकला!   सियासत की हर बिसात पे रक्खा, अवाम का ज़ख्म ताज़ा निकला!   रोए बहुत वो मैय्यत में आ -कर, उनकी गली से जनाज़ा निकला!   उलझा कर रंगी नारों में जनता को, मसीहा उड़न खटोले में बैठा निकला!  …

गया जो हाथ खाली था सिकंदर जानता होगा

गया जो हाथ खाली था सिकंदर जानता होगा

गया जो हाथ खाली था सिकंदर जानता होगा ( Gaya Jo Hath Khali Tha Sikandar Janta Hoga )   यहीं सब छौङ  के जाते बशर हर जानता होगा। गया जो हाथ खाली था सिकंदर जानता होगा।।   जुबां ही जब नहीं खोली समझते बात फिर कैसे। छुपे क्या राज़ सीने में वो खंजर जानता होगा।।…

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू

मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू     मेरे होठों की ही शाइरी बन जा तू ऐसी मेरी सनम जिंदगी बन जा तू   सोचता हूँ ये मैं काफ़ती रुह है की न मुझसे कहीं अजनबी बन जा तू   दूर क्यों रहता है यूं भला मुझसे ही मेरे दिल की सनम आशिक़ी…

मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है

मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है

मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है     मेरी मुहब्बत किसी और से मुहब्बत करती है यह बात ज़रा सा दर्द तो सीने में जगाती है   हजार लहो को बुझाकर रोशन हुआ में अब तो हर चराग मुझे जलाती है   वह में नहीं तो क्या हुआ? उसे मुहब्बत तो है यही…

प्यार की जब उससे दोस्ती टूटी है

प्यार की जब उससे दोस्ती टूटी है

प्यार की जब उससे दोस्ती टूटी है     प्यार की जब उससे दोस्ती टूटी है! रोज़ तन्हाई से जिंदगी टूटी है   हर घड़ी नफ़रतों की रवानी थी बस वो न दिल से उसके दुश्मनी टूटी है   डूबी है जिंदगी ही नशे के ग़म में प्यार की ही दिल से मयकशी टूटी है…

जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी

जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी

जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी     जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी दूर हो हर दिल से बेबसी   हर तरफ़ हो ख़ुशी मुल्क में हो नहीं हर आंखों में नमी   दूर रहना हर ग़म जीवन से हो लबों पे सभी के हंसी    हर होठों पे ग़ज़ल गीत हो  ऐसी इस साल हो…