यादों की तानी रजाई!
यादों की तानी रजाई!
यादों की तानी रजाई!
लम्बी रातें है तन्हाई
ख़्वाब में आता नहीं वो
हाँ उदासी दिल पे छाई
चैन नहीं है रात भर अब
याद जब से उसकी आई
सोच में डूबा दिल उसकी
चोट दिल पे ऐसी खाई
हो चुका वो ग़ैर आज़म
ये बताये अब पुरवाई
मुश्किल था दौर और सहारे भी चंद थे ( Mushkil Tha Daur Aur Sahare Bhi Chand The ) मुश्किल था दौर और सहारे भी चंद थे मैं फिर भी जीता क्यूं कि इरादे बुलंद थे राहें निकाली मैंने वहां से कई नयीं देखा जहां पहुंच के सब रस्ते बंद थे समझा तमाम…
ज़ुल्मत से ये रूह डर रहा है ( Zulamt se ye rooh dar raha hai ) ❄️ ज़ुल्मत से ये रूह डर रहा है ख्वाब मेरे शौक़ से उतर रहा है ❄️ वही नदिना जी रहा है मुझमें जो मुझे हर रोज मार रहा है ❄️ नचाहते हुए तुझे मैंने चाहा है मेरी चाहत…
दिल बहुत उदास है ( Dil bahot udas hai ) कौन आस पास है दिल बहुत उदास है देखकर नजारा वो होश अब हवास है जब मिली नहीं मिली दिल हुआ निराश है आजकल न जाने क्यूं जीस्त क्यों हताश है वो ओढ़े गरूर को हुस्न का लिबास है…
महामारी ( Mahamari ) विकट समय में आज परीक्षा मानवता के नाम की चंद सांसों का खेल सारा संपदा किस काम की भूखे को भोजन मिल जाए क्या करना भंडार का अच्छे कर्मों की चर्चा चलती कहना है संसार का रोगी को दवा और सेवा मिल जाए अच्छी बात मानवता अब गर्त में सोई…
कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है कब मिला आज़म तक़दीर में प्यार है हर किसी से मिली मुझको दरकार है उठ रहा है दिल में नफ़रतों का शोला लूंगा बदला कर गया जो दिल आजार है हाल अपना किसी मैं सुनाऊँ भला शहर में कोई अपना नहीं यार है बात…
मोहब्बत की ग़जल ( Mohabbat ki ghazal ) मोहब्बत की ग़जल तुमको, सुनानी थी, सुना दूं क्या। कहानी दिल की अपने भी, बतानी थी बता दूं क्या।। चलो तुम भी कदम कुछ तो, चलूंगा मैं कदम सारे ये अपने बीच की दूरी, मिटानी थी, मिटा दूं क्या कवि : भोले प्रसाद नेमा “चंचल” हर्रई, …