आयी देखो फुहार सावन की

आयी देखो फुहार सावन की | Aazam Poetry

आयी देखो फुहार सावन की ( Aayi dekho phuhaar sawan ki )     आयी देखो फुहार सावन की ! खिल रही है बहार सावन की   बूंदों में सरगम उल्फ़त की ऐसी दिल करे  बेक़रार सावन की   प्यास तन की जाने बुझेगी कब कर रहा  इंतिजार सावन की   गीत गाये ग़ज़ल यादों…

जिंदगी रोज़

जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है | Ghazal

जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है ( Zindagi roz gham ne hi satayi khoob hai )   जिंदगी  रोज़  ग़म  ने  ही  सतायी ख़ूब है! हाँ ख़ुशी के ही लिये बस आँखें रोयी ख़ूब है   प्यार के पत्थर मारे है नफ़रत वालों पे मैंनें नफ़रतों  की आज दीवारें गिरायी ख़ूब है  …

किसी जादू टोने का ही असर है

किसी जादू टोने का ही असर है | Ghazal

किसी जादू टोने का ही असर है ( Kisi Jadoo tone ka asar hai )   किसी जादू टोने का ही असर है! परेशां इसलिए जीवन मगर है   बहुत भेजे उसके कासीद घर को नहीं आयी कोई उसकी ख़बर है   नजर आया नहीं मुझको कहीं भी उसी को ढूंढ़ती मेरी नजर है  …

Jab pyar ka

जब प्यार का गाया मैंने राग है | Ghazal

जब प्यार का गाया मैंने राग है  ( Jab pyar ka gaya maine raag hai )   जब  प्यार  का  गाया  मैंनें  राग़  है देखो भी खिल उठा फ़ूलों का बाग़ है   की  नाम  से  तेरे  तू  देखले  सनम उल्फ़त का जल रहा दिल में चराग़ है   वो चोट दें गया दिल पे…

आज अपना हबीब है देखा

आज अपना हबीब है देखा | Ghazal

आज अपना हबीब है देखा ( Aaj apna habib hai dekha )   आज  अपना  हबीब  है देखा पास किसी के करीब है देखा   मत कर इतना गरूर ख़ुद पे तू हाँ  बिगड़ते  नसीब  है  देखा   बोलते हक़ में सच के मैंनें तो आज मैंनें रकीब है देखा   है परेशां यहां तो…

Mother's Day Special

यार दिल की ही मगर ऐसी दवा मां | Mother’s Day Special

यार दिल की ही मगर ऐसी दवा मां ( Yaar dil ki hi magar aisi dawa maa )   यार दिल की ही मगर ऐसी दवा मां ! जिंदगी भर करती है देखो वफ़ा मां   हर वादा दिल से निभाती है हमेशा जीस्त की वो एक सच्ची आशना मां   जिंदगी तेरे बिना कुछ…

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है| Husn Shayari

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है ( Apne hi husn pe usko guroor hai )   अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है ! उल्टा दिमाग़ में उसके फ़ितूर  है   मत दो सजा इसे झूठी बेवजह मासूम  ए लोगों  ये  बेक़सूर है   है आरजू ये ही अपना बनाना उसे  की मांग का…

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में | Ghazal

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में ( Dekh raha hun main hansi nazare gaon mein )     देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में आ रही देखो गुलों की वो बहारें गांव में   चाहता हूँ एक कोई तो बने साथी मेरा जो हंसी मुखड़े की देखी है कतारें…

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

Ghazal | हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ( Har koi magar dil se ashraf nahi hota )   हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ए  यारों  कभी  सच का इंसाफ नहीं होता   तू  बात  जरा  करना  ए  यार  संभलके  ही देखो हर किसी का ही दिल साफ़ नहीं होता   तो …

दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी

Ghazal | दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी

दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी ( Dil Nahi Mana Kabhi Koi Gulami )     दिल नहीं माना कभी कोई ग़ुलामी। देनी आती ही नहीं हमको सलामी।।   सीधे-सादे हम तो है उस रब के बंदे। राह सीधी जो चले सन्मार्ग-गामी।।   गलतियों से क्यूं डरे हम इस जहां में। कौन जिसमें है नहीं…