
उसकी ही देखी राहें है
( Uski hi dekhi rahen hai )
उसकी ही देखी राहें है
काटी यादों में रातें है
यूं भूल नहीं पाया उसको
याद बहुत आती बातें है
ख़ंजर मारा ऐसा दग़ा का
निकली दिल से आहें है
देख उतारुं क्या वो सदका
मख़मूर दग़ा जो आंखें है
ग़म की नींदें है आंखें में
टूटे उल्फ़त के सपनें है
वो साथ नहीं लेकिन आज़म
दिल में बस उसकी यादें है