![Upwas par kavita Upwas chhand](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2022/04/Upwas-par-kavita-696x467.jpg)
उपवास
( Upwas )
मनहरण घनाक्षरी
नेम धर्म व्रत करे
विश्वास श्रद्धा भाव से
प्रभु सुमिरन कर
उपवास कीजिए
जब तप योग ध्यान
सर्व शक्ति हरि मान
दुर्गुण दोष मन से
त्याग सुधा दीजिए
मन से करें जो पूजा
व्रत निराहार रख
कामना पूरी कर दे
माला जप लीजिए
उपवास बड़ा खास
घट बढ़ता विश्वास
मन मंदिर में दीप
ज्योत जला दीजिए
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )