वैदिक श्रेय श्री वंदन

( Vaidik shrey shree vandan )

 

विज्ञान के आधार में, वैदिक श्रेय श्री वंदन

श्रुति ग्रंथ अप्रतिम महत्ता,
ब्रह्म आलोक आगार ।
कारण प्रयोग प्रभाव तथ्य,
स्वप्न प्रभा यथार्थ आकार ।
भौतिकी रसायन गणित संग,
चिकित्सा सूत्र मर्म स्पंदन ।
विज्ञान के आधार में,वैदिक श्रेय श्री वंदन ।।

विज्ञानी तपन जपन,
लक्ष्य दीप्त उर धारा ।
खगोल अनूप संधान क्षेत्र,
ज्ञान प्रेरणा पुंज सारा ।
चंद्रयान तृतीय सफलता,
सदा शीर्ष मनुज संवेदन ।
विज्ञान के आधार में,वैदिक श्रेय श्री वंदन ।।

अलौकिक मानव प्रतिभा,
हर कदम हर्ष उल्लास ।
शब्द भाव अर्थ अवबोधन,
प्रगति दिशा दिव्य उजास ।
आलोकित नित संघर्ष पथ,
सफलता अप्रतिम आलिंगन ।
विज्ञान के आधार में, वैदिक श्रेय श्री वंदन ।।

शुन्य सह परम बिंदु,
ब्रह्मांड अनुपम विवेचना ।
ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद संग,
अथर्ववेद महत्ता संचेतना ।
मानवता हित सदैव अहम,
सतत नवीन शोध अभिनंदन ।
विज्ञान के आधार में, वैदिक श्रेय श्री वंदन ।।

 

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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