
देशी प्रोड्यूसर की गांधी
( Deshi producer ki Gandhi )
देशी प्रोडयूसर अभी तक पश्चाताप कर रहा है। उसे इस बात को अब तक मलाल है कि एक विदेशी प्रोडयूसर भारत आया, उसने हमारे पूज्य बापू पर गांधी फिल्म बनाई और यहाॅं के बाक्स आफिस और वहाॅ के आठ आस्कर लूट लिये ।
गांधी पर वेतहाशा लूटामारी चल रही है। एक पार्टी पचास साल से गांधी के नाम पर देश को लूट रही है तो दूसरी गांधी को ही लूटने की जुगत में है ।
उस प्रोड्यूसर ने हालंाकि आपत्ति दर्ज कर दी है कि विदेशी आदमी को देशी गांधी पर फिल्म बनाने का हक नही था।
तथापि उसने स्वयं गांधी पर बम्बईया (साॅरी मुम्बईया) फिल्म बनाने का इरादा कर लिया है। इसी सिलसिले मे ंउसने टीम के कहानीकार, स्क्रिप्ट, राइटर, गीतकार, संगीतकार, फाइट कम्पोजीटर और डायरेक्टर को बुलवाया ।
कहानीकार बोला हमारे गांधी जुड़वा भाई है जो मेले में जाते है वहाॅ बड़े गांधी और छोटे गांधी के बाहों पर चरखा गुदवाते है फिर एक गुलामी नामक आंधी में दोनो बिछड जाते है (यहाॅ गाना क्रमांक 1 डाला जा सकता है )
बड़े गांधीजी को एक अमीर आदमी पालता है और छोटे गांधीजी को एक गरीब आदमी। छोटे गांधीजी एक आफिस में क्लर्क हो जाते है वहीं ”वा” भी काम करती है। वे छोटे गांधीली से प्रेम करने लगती है। (यहाॅ गाना क्रमांक 2 डाला जा सकता है)
उनका बाॅस एक अंग्रेज है जो छोटे गांधीजी को रिश्वत लेने के लिए उकसाता है मगर वे रिश्वत नही लेते। वे सत्य, अहिंसा और ईमानदारी उस कार्यालय में लाना चाहते है (जो उनके समय से अभी तक नहीं आ पाई।)
वह अंगे्रज बेईमानी रिश्वतखोरी और विदेशी वस्तुओ के साथ उनपर अकेले में हमला करता हैे। वे अकेले उन सबसे फाइट करते है फिर कहीं से बड़े गांधीजी भी आ जाते है वे पहले तो अंग्रेज की तरफ से लड़ते है फिर किसी सीन में उनकी कमीज फट जाती है तब उन्हें एक दूसरे की बाॅहो में चरखे दिख जाते है और वे भाई कहकर गले मिल जाते है।
इसके बाद फाइट मुक्को से होती है फिर सीढ़ियों के पास तलवारें मिल जाती है वे तलवारों से लड़ने लगते है फिर कहीं संे हेलीकाफ्टर आ जाता है (दिमाग पर जोर न दें कि उस समय हेलीकाप्टर कहाॅ से आ जाता है) वे उस पर लटककर लड़ने लगते है।
फाइट फिर पानी के जहाज पर होती है इसके बाद 5 मिनट की कार रेस होती है अन्त में वे उस अंग्रेज को हरा देते है और भारत माता के कदमों में पटक देते है और कहते है ”मां ये रहा तेरा अपराधी ।”
वह अंग्रेज भारत माता की जय बोलता है“ इसके भी अन्त में दोनो गांधीयों की दोनो कस्तूरबाओं (दूसरी भी कहीं से आ जाती है) से शादी होती है वे दोनो गांधीयों के जुड़वा होने के कारण पहले तो भ्रम में पड़ जाती है फिर आदत विशेष के कारण पहचान लेती है।
यह सब सुनकर प्रोड्यूसर बोला “हम इस फिल्म को मनोरंजन कर मुक्त करवाएंगें। इस फिल्म में सेंसर की कैची तो चल ही नही सकती इस फिल्म को 15 अगस्त 2 अक्टूबर या 26 जनवरी को रिलीज करवाऐंगे।
इसके देशभक्ति के गानो पर अलग राॅयल्टी लेंगें।” डायरेक्टर बोला “हम गांधीजी के रोल के लिए क्या नसरूद्दीन को ले ले।” पागल हो गये क्या ?
प्रोड्यूसर बोला गांधीजी का रोल शाहरूखखान करेगा और वा का रोल रानी मुखर्जी। अंग्रेज के लिए टाॅम आल्टर तो है। ही शूटिंग स्वीटजरलैण्ड में होगी अगर सीधी सीधी गांधी फिल्म बनाएंगे तो शायद गांधीजी भी उसे नही देंखेंगें।
लेखक : : डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव
171 नोनिया करबल, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)