तेरी यादों की बारिश है
( Teri yaadon ki barish hai )
तेरी यादों की बारिश है
हर पल तेरी बस ख़्वाहिश है
शक्ल नज़र आये है तेरी
ख़्वाबों की कैसे साज़िश है
प्यास बुझा दे तू उल्फ़त की
तुझसे बस एक गुज़ारिश है
पार जिसे करना है मुश्किल
उल्फ़त वो देखो आतिश है
तेरी यादें धेरे रहती
उल्फ़त में कब आसाइश है
चैन नहीं तुझको देखें बिन
उल्फ़त में होती सोज़िश है
छोड़े न ख़फ़ा वो जिद आज़म
रोज़ मनाने की कोशिका है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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